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Wednesday, August 26, 2020

बातचीत करने का तरीका

बातचीत करने का तरीका :-

                                                    यदि इस जगत में अपनी लोकप्रियता बढ़ाना चाहते हैं तो आप बातचीत करने का तरीका सीख लो जिससे आपका जीवन बदल जाएगा आपके व्यक्तित्व में निखार आ जाएगा आप जिस क्षेत्र में कार्य करते हो, परिवार में, समाज में, अपनी प्रतिष्ठा को ऊचा या उत्तम बनाना चाहते हैं तो किसी भी व्यक्ति से बात करते समय परिस्थितियां या स्थिति के अनुसार बात करना चाहिए| किसी व्यक्ति की निंदा मत करो और आलोचना मत करो इससे वह आपका दुश्मन हो जाएगा और परिवार के सदस्यों के संबंध में कड़वाहट आ जाती है| यदि किसी व्यक्ति की प्रशंसा करे तो सबके सामने करें और आलोचना करे तो अकेले में करें जिससे सामने वाले को अपनी इज्जत बचाने का मौका मिल सके| जब भी किसी व्यक्ति की आलोचना करे तो प्रशंसा का सैंडविच बना कर करे जिससे आप उसकी गलती को भी बता पाएंगे और आप से नाराज नहीं होगा बात को समझेगा जीवन में ज्यादा सुनो पर कम बोलो जिससे आप की बात की वैल्यू हो सके क्योंकि ज्यादा बड़बड़िया व्यक्ति की बात की वैल्यू नहीं होती है इन सब बातचीत के तरीक से आपके संस्कार , व्यवहार, अच्छी परवरिश , अच्छे आचरण के गुण दिखते हैं कि आप  किसी अच्छे परिवार से संबंध रखते हो समाज में आपका मान सम्मान बढ़ता है हर जगह और हर व्यक्ति के बीच में आपकी बात की वैल्यू होती है इसलिए बातचीत करने के कुछ नियम नीचे बताए गए हैं |

बातचीत करने का तरीका
Communication


1.    निंदा और आलोचना मत करो :-  

                                                किसी की निंदा मत करो, आलोचना मत करो आजकल हर व्यक्ति है एक चाकू लेकर, कैची लेकर घूम रहा है सर्जरी करने के लिए मैं आपसे पूछता हूं क्यों आप दूसरों की बिना कारण आपको किसी की निंदा या आलोचना की क्या जरूरत है |

क्यों आप सारी दुनिया को सुधारना चाहते हो |

क्यों आप जो मिलता है उसको सलाह देना चाहते हो |

क्यो आप हर किसी में कमी निकालना चाहते हो|

मैं आपको एक सलाह देना चाहता हूं जिसको भी ज्यादा सुधारने जाओगे वह आपका दुश्मन हो जाएगा, परिवार में आपकी संतान तक भी आपकी दुश्मन हो जाएगी यदि आप उन्हें सुधारने जाओगे| आपकी संतान तभी बोल देगी कि पापा मैं जानती थी कि आप यही बोलोगे, आपकी बच्ची आपको बोल देगी की मम्मी आप ऐसे ही बोलोगे मुझे पता है आप हमेशा ऐसे ही बोलते हैं क्योंकि कोई भी बार-बार सुधारा जाना नहीं चाहता एक बार दो बार ठीक लगता है| उसे बोलना फिर उसे भगवान भरोसे छोड़ दे उसका कुछ नहीं हो सकता है| दीवार पर जाकर अपना सिर फोडोगे तो दीवार को कुछ नहीं होता है अपना सिर लो लुहान हो जाता है इसीलिए किसी भी व्यक्ति की ज्यादा निंदा या आलोचना मत करो किसी भी व्यक्ति की दूसरे व्यक्तियों या पब्लिक में निंदा नहीं करनी चाहिए जिससे उसके आत्म सम्मान को चोट पहुंचती है जिससे वह दूसरे के सामने नजर नहीं मिला बातें हैं| आपके और उसके संबंधों में कड़वाहट आ जाएगी वह जीवन भर आपका दुश्मन हो जाएगा इसलिए परिवार का कोई सदस्य, दोस्त, स्टाफ का कोई व्यक्ति और अन्य कोई व्यक्ति की निंदा या आलोचना नहीं करनी चाहिए| यदि आप एक माता-पिता हो तो बच्चों की निंदा ज्यादा मत कीजिए वह आपसे दूर होते जाएंगे पति- पत्नी को एक- दूसरे की निंदा नहीं करनी चाहिए|

2.    प्रशंसा सबके बीच में और आलोचना अकेले में करो :-  

                                                                                यदि किसी व्यक्ति की प्रशंसा जब भी करो तो सबके बीच में करो और आलोचना करनी है तो अकेले में करो क्योंकि व्यक्ति को अपनी इज्जत बचाने का मौका देना चाहिए| यदि आप किसी व्यक्ति को सबके सामने उस व्यक्ति को गलत सिद्ध कर दिया तो सामने वाला अजीवन आपका दुश्मन हो जाएगा यदि किसी से बातचीत करते या किसी सामाजिक समारोह में हो या बैठे हो यदि कोई व्यक्ति झूठ बोल रहा है या गलत बोल रहा है| बात कर रहा है तो उसे टोको मत या गलत साबित मत करो यदि आप के परिवार के सदस्य क्यों ना हो आपके बच्चो की सबके सामने प्रशंसा करें उनके कार्य कि यदि कोई कार्य या बात में गलती हो जाती है तो उसे सबके सामने उसकी आलोचना मत करे उसे अकेले में ले जाकर उसे समझाया या डाडे जिससे उसक आत्मसम्मान को चोट नहीं लगेगी और आपकी बात का बुरा भी नहीं मानेगा एवं बात को समझेगा इसलिए सबके सामने किसी की इज्जत मत उतारो, संस्कारों को गलत साबित मत करो, व्यक्ति की छवि कम मत करो इसलिए किसी की प्रशंसा करनी है तो सबके बीच में करो आलोचना करे तो अकेले में करो इस बात का ध्यान रखें|

3.    जब भी आलोचना करो तो उसको प्रशंसा में दबा दो :-  

                                                                                        यदि किसी की आलोचना करनी ही है तो उस बात में ऊपर और नीचे प्रशंसा शब्द का उपयोग करें क्योंकि आप यदि किसी में उल्टा ही ढूंढते ही रहोगे तो उसके पोजिटिव को रिगकनाइज नहीं करोगे तो वह आपके उल्टे को लेना बंद कर देगा आप कितने अच्छे सलाहकार क्यों ना हो यदि आपने किसी की ज्यादा आलोचना करें तो वह आपकी सबसे अच्छी राय को भी देना बंद कर देगा जब भी अपने बच्चों को या जीवन साथी को दिन में दो-चार बार उल्टा बोलोगे तो फिर कैसी तबाही होगी| यदि आप अपने से उल्टा ही उल्टा बोलोगे तो वह दो या तीन दिन बाद वह आपसे बात नहीं करेगा जो परिवार आपसे नजर नहीं मिलाते थे जो स्टाफ दसव साल मुंह नहीं खोला वह पलट कर जवाब दे देगा क्योंकि जब आते हैं तो स्क्रुड्राइवर लेकर आते हैं कैची लेकर आते हैं| आप उसकी प्रशंसा करी की आपका यह काम अच्छा है और यह भी बहुत अच्छा है| यदि यह वाली चीज या काम को थोड़ा और अच्छा कर सके तो और बढ़िया हो जाएगा तो मजा आ जाएगा| यह बात व्यक्ति से एक-दो बार कहो यदि नहीं समझे तो उसे दोबारा मत कहवो याद रखो लो| आप किसी की जो काबिलियत है| वह एक सीमा तक ही आप इंप्रूव कर पाओगे उस सीमा के परे तो वह तभी इंप्रूव होगा जब उसके खुद के भीतर बर्निंग डिजायर आएगा इसलिए यदि किसी कार्य के प्रति उसकी गलती को बताना है तो उसके अच्छे कार्य के साथ-साथ उसके गलत कार्य को बताओ उसे बुरा भी नहीं लगेगा और आपकी बात समझेगा|

4.    ज्यादा सुनो कम बोलो :- 

                                    दुनिया का ग्लोबल नियम है ज्यादा सुनो और कम बोलो बडबढ़िया आदमी की कोई इज्जत नहीं होती है जो व्यक्ति बिना कारण बार-बार बोलता है उसकी बातों की वैल्यू धीरे-धीरे कम होती जाती है और सामने वाला आपका तभी सम्मान करेगा, वह तभी आपको अपना मानेगा जब आप उसमें रुचि लेंगे आप तभी रुचि लेंगे जब सामने वाले को ज्यादा बोलने देंगे और खुद कम बोलेंगे यदि आप एक सेल्समैन है| किसी भी किस्म की डील कर रहे हो ज्यादा सामने वाले को बोलने दे वह जितना बोलेगा उसके कार्ड उतनी ही खुलेंगे वह जितना बोलेगा| उसके मन की बात उतनी ही बाहर आएगी और आप उस व्यक्ति को समझ पाओगे |आप बस अपनी गर्दन को हां या ना में ही लाए और मुस्कुराते रहें सामने वाले को लगेगा कि मेरे में कितना इंटरेस्ट ले रहा है| आपको सबसे अच्छा दोस्त कौन है जो आपकी बातें सुनता है यदि वह दोस्त ऐसा हो कि बात बात पर आपको बोले कि  तू गलत बोला, तु फालतू बातें करता है थोड़े दिनों बाद आप बोलोगे कि अपने आपको ज्यादा होशियार समझता है| आपको वही दोस्त पसंद आता है, परिवार का वही सदस्य पसंद आता है जो बिना दोस्त निकाले आपकी बात सुने इसलिए बिना कारण ज्यादा ना बोले यदि काम की बात हो तो खुलकर बोले बात को ऐसा सटीक बोले कि कम बोलना पड़े और सामने वाला समझ जाए आपके बात की वैल्यू सब लोग रखे| दूसरे लोग आपका सम्मान करेंगे| आपसे आकर्षित होंगे आप जैसा बनना चाहेंगे |आपकी व्यक्तित्व में निखार आएगा|

 यदि अपने बातचीत की यह कला सीख ली तो आप जीवन में सामाजिक लेवल पर, व्यापारिक लेवल पर, व्यवसाय के लेवल पर, करियर के लेवल पर, परिवार के लेवल पर आपकी लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ेगा

      बच्चों में पांच प्रकार के H वाले गुण होने चाहिए

   सज्जन बनो (Be A Gentleman )



 




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