अच्छे पति- पत्नी का संबंध केसा हो
संसार में पति- पत्नी का संबंध सबसे बड़ा संबंध माना जाता है जो सात फेरे लेकर एक दूसरे के साथ जुड़ जाते हैं | एक- दूसरे की अर्धांग बन जाते हैं और अर्धांग अर्थात शरीर तो दो पर एक- दूसरी की आत्मा एक होना एक को चोट व दुख होता है तो दूसरे को महसूस होता है इसका महत्व आप समझ पा रहे हैं | अपना समस्त जीवन किसी के साथ बांटना अपना जीवन किसी और के साथ बांटने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है की स्वीकार करना सामने वाले व्यक्ति को स्वीकार करना उसकी अच्छाइयां भी और बुराइयां भी संपूर्ण रुप से स्वीकार करना तभी यह संबंध बढ़ेगा और तभी यह संबंध और भी सुंदर बनेगा एक- दूसरे के दोष ढूंढना व उन्हें गिनाना यह केवल और केवल एक ही कार्य करता है | संबंध के जीवन का नाश करता है | बस बदले में यह होना चाहिए कि एक- दूसरे के दोष समझ कर उन्हें आभास कराये बिना उन्हें सुधार देना चाहिए उनकी कमियों को उनकी शक्ति बना देनी चाहिए यही तो होता है | दाम्पत्य यही होता है बुराई का दमन और यही होता है | गुणों का उदय होता है |
|
HAPPY COUPLE |
पति-पत्नी के बीच का ऐसा धर्म संबंध जो कर्तव्य, विश्वास, प्रेम और पवित्रता पर आधारित हो। इस संबंध की डोर जितनी कोमल होती है, उतनी ही मजबूत भी। जिंदगी की असल सार्थकता को जानने के लिये धर्म-अध्यात्म के मार्ग पर दो साथी, सहचरों का प्रतिज्ञा बद्ध होकर आगे बढऩा ही दाम्पत्य या वैवाहिक जीवन का मकसद होता है।
यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तरों पर स्त्री और पुरुष दोनों ही अधूरे होते हैं। दोनों के मिलन से ही पूर्ण होते हैं। दोनों की अपूर्णता जब पूर्णता में बदल जाती है तो अध्यात्म के मार्ग पर बढऩा आसान, जीवन सरल और आनंद से पूर्ण हो जाता है। दाम्पत्य की भव्य इमारत जिन आधारों व नीव पर टिकी है वे मुख्य रूप से सात हैं। रामायण में राम सीता के दाम्पत्य में ये सात बातें देखने को मिलती हैं।
जो इस प्रकार है सात बाते |
1. संयम : -
पती- पत्नी को समय-समय पर उठने वाली शारिरीक व मानसिक उत्तेजनाओं जैसे- कामवासना, क्रोध, लोभ, अहंकार तथा मोह आदि पर नियंत्रण रखना। राम-सीता ने अपना संपूर्ण दाम्पत्य बहुत ही संयम और प्रेम से जीया। वे कहीं भी मानसिक या शारीरिक रूप से अनियंत्रित नहीं हुए।
2. संतुष्टि :-
पती- पत्नी एक- दूसर सेे जो चाहते हैं वह नहीं मिलने पर नाराज, गुस्सा व झगडा न करे और समय और परिस्थिति के अनुसार जो भी सुख-सुविधा प्राप्त हो जाए उसी में संतोष करना। दोनों एक दूसरे से पूर्णत: संतुष्ट थे। कभी राम ने सीता में या सीता ने राम में कोई कमी नहीं देखी।
3 संतान : -
दाम्पत्य जीवन में संतान का भी बड़ा महत्वपूर्ण स्थान होता है। पति-पत्नी के बीच के संबंधों को मधुर और मजबूत बनाने में बच्चों की अहम् भूमिका रहती है। राम और सीता के बीच वनवास को खत्म करने और सीता को पवित्र साबित करने में उनके बच्चों लव और कुश ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
पति-पत्नी के रूप में एक- दूसरे की भावनाओं को समझना और उनकी कद्र करना। राम और सीता के बीच संवेदनाओं का गहरा रिश्ता था। दोनों बिना कहे-सुने ही एक दूसरे के मन की बात समझ जाते थे।
5. संकल्प : -
पति-पत्नी के रूप अपने धर्म संबंध को अच्छी तरह निभाने के लिये अपने कर्तव्य को संकल्पपूर्वक पूरा करना। और अग्नि के साथ लिए गए सात फेरो के वचन को निभाऐ गे|
सामर्थ्य का होना। दाम्पत्य यानि कि वैवाहिक जीवन को सफलता और खुशहाली से भरा-पूरा बनाने के लिये पति-पत्नी दोनों को शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत ही आवश्यक है।
7. समर्पण : -
वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी का एक -दूसरे के प्रति पूरा समर्पण और त्याग होना भी आवश्यक है। एक-दूसरे की खातिर अपनी कुछ इच्छाओं और आवश्यकताओं को त्याग देना या समझौता कर लेना दाम्पत्य संबंधों को मधुर बनाए रखने के लिये बड़ा ही जरूरी होता है। पती- पत्नी के रिश्ते में बराबर अधिकार और सम्मान देना चाहिए रिश में एक- दूसरे के प्रति समर्पण की भावना और साथ ही रिश्ते में मजबूती आती हैं|किंतु क्या संसार के सारे पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ समस्त जीवन बांट सकते हैं क्या इसमें सभी सक्षम रह पाए हैं |
- पति-पत्नी किसी भी गृहस्थी की धुरी होते हैं। इनकी सफल गृहस्थी ही सुखी परिवार का आधार होती है। अगर पति-पत्नी के रिश्ते में थोड़ा भी दुराव या अलगाव है तो फिर परिवार कभी खुश नहीं रह सकता। परिवार का सुख, गृहस्थी की सफलता पर निर्भर करता है।
- रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए आपको एक -दूसरे पर विश्वास को हमेशा बरकरार रखना बहुत जरूरी है ताकि आपका रिश्ता और भी मजबूत हो सके क्योंकि जीवन एक सफर है और जीवन साथी से सहयात्री की जरूरत परी होती है जो जीवन भर चलती है इसलिए मजबूत विश्वास की नीव होनी चाहिए|
- इन सातों नियमों का पालन करते हैं तो आपका दांपत्य जीवन कुशल और दांपत्य जीवन सरल बन जाता है एक अच्छे दांपत्य ही तो एक अच्छे और सुंदर परिवार का निर्माण करते हैं यदि इन सातों नियमों का ध्यान नहीं रखते तो आपका दांपत्य जीवन लंबे समय तक नहीं चल पाता इसीलिए पति-पत्नी के संबंधों में दूरियां, कड़वाहट आ जाती है यहां तक कि तलाक तक हो जाते हैं और पूरे परिवार पर जीवन खराब हो जाता है
No comments:
Post a Comment