व्यक्ति की मानवीय अपेक्षा का ध्यान रखे :-
इस जगत में प्रत्येक जीव की अपनी कई गहरी चाहत होती है जो वह चाहता है कि सामने वाला उसकी अपेक्षा का ध्यान रखें जो कि उसकी बेसिक नीडस है जिसे मानवीय अपेक्षा या चाहत कहते हैं| मैं उस साधारण जरूरत की बात नहीं कर रहा हूं |जो कपड़ा, मकान, रोटी है मे उस बेसिक गहरी चाहत या अपेक्षाओं की बात कर रहा हूं जो प्रत्येक मानव की अपनी होती है उन बेसिक नीड में से जो महत्वपूर्ण है व छ: मानवीय अपेक्षा या चाहत है | जो प्रत्येक व्यक्ति अपेक्षा करता हैं की सामने वाला उस की अपेक्षा या चाहत का पूरा ध्यान रखना चाहिए वह चाहता है कि उसकी चाहतों के विरुद्ध कार्य ना करें और अपेक्षा को चोट ना पहुंचाएं जैसे :- यदि कोई व्यक्ति विकलांग है तो वह चाहता है कि कोई उसकी विकलांगता का मजाक ना उड़ाए या विकलांग ना कहे यही उस व्यक्ति की मानवीय चाहत है| इसी प्रकार जैसे यदि कोई व्यक्ति काला व कुबड है और सामने वाला व्यक्ति उससे से कोई कार्य या बात गलत करता है तो कहता है कि इसी कारण तू काला व कुबड़ है यही उसकी चाहत है कि सामने वाले ने चोट कर दी जो ऐसा नहीं करना चाहिए चाहे कोई भी हो व्यक्ति सामने वाले की मानवीय अपेक्षाओं को चोट न पहुचाऐ क्योंकि इससे परिवार, रिश्ते-नाते, कंपनियां, संस्थाएं, ग्रुप आदि टूट या बिखर जाते हैं| सुख-समृद्धि, परिवार, घर, अपना साम्राज्य बना लोगे यदि आप दूसरों की अपेक्षाओं का ध्यान रखोगे तो जो व्यक्ति की छ: मानवीय अपेक्षा या चाहत है| वह इस प्रकार है|
1. Certainty (सौभाग्य) :-
इसे विश्व के प्रत्येक इंसान को सुख चाहिए | अच्छा चाहिए, सुखी रहना चाहता है, अच्छा महसूस करना चाहता है,अपने आप की उन्नति चाहता है| आदि इसे Certainty या सौभाग्य कहते हैं इस जगत में प्रत्येक व्यक्ति किसी भी क्षेत्र या संबंध में अपना सौभाग्य चाहता है इसीलिए उसकी गहरी चाहत या अपेक्षाओं का ध्यान रखो | जिन्दगी में किसी को भी बुरी बात मत बोलना, बद्दुआ मत देना, अबशब्द मत बोलना, निन्दा मत करना हमेशा निर्दोष शब्द बोलना चाहिए| जब कभी कोई मां अपने बच्चे को गुस्से में चिल्ला कर यह बोल देती है कि दुनिया में बदसूरत इसलिए है ऐसा रहेगा क्योंकि बच्चे की महान प्यार या अपेक्षा को चोट पहुचाती है| उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती है| क्योंकि उसको उसके दुर्भाग्य की याद दिलाई जाती है| आदि अपेक्षा का ध्यान ना रखने पर कई परिवार व संबंधों में दरार व कड़वासरा आ जाती है| इसलिए व्यक्ति की ऐसी चाहत या अपेक्षा का ध्यान रखना चाहिए |
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Certainty |
2. Uncertainty (चौकना) :--
दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को चौकना बहुत अच्छा लगता है| व्यक्ति हर कार्य व बातों में चौकना पसंद करते हैं| क्योंकि यह व्यक्ति की मानवीय अपेक्षाएं या चाहत होती है| व्यक्ति जब नई-नई चीजें करता है तो उसे कार्य या बातों से पहली बार आनंद के लिए करता है तो उससे वो चीजों से चौक जाता है इस अनसर्टेंटी या चोकने के लिए व्यक्ति गलत रास्तों पर चला जाता है जैसे :- शराब पीना, पत्ते खेलना, अपराध आदि कई गलत रास्तों पर चला जाता है |जिससे उनका जीवन खराब हो जाता है| इसलिए व्यक्ति चोकने की चाहत या अपेक्षा का ध्यान रखना चाहिए उनकी अपेक्षा को चोट नहीं पहुंचाना चाहिए|
3. Significance (महत्व) :-
इस जगत में प्रत्येक जीव का अपना महत्व होता है| प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि लोग उसके महत्व का ध्यान रखें यह भी व्यक्ति की मानवीय चाहत या अपेक्षाएं होती है |यदि पति- पत्नी में से पति उसकी पत्नी को महत्व नहीं देता हैं| तो इससे दोनों के बीच संबंध कमजोर हो जाते हैं और घर की गृहस्थी बिखर जाती हैं| क्योंकि एक -दूसरे को महत्व नहीं देने पर तथा दोनों की अपनी-अपनी एक-दूसरे के प्रति महत्व पाने की चाहत या अपेक्षा होती है| इस प्रकार प्रत्येक क्षेत्र व सम्बन्धों में व्यक्ति चाहता है कि सामने वाला उसे महत्व दे या उसका महत्व समझे यह अपेक्षा रखता है| इस भागदौड़ की जिंदगी में हम अपने परिवार को भूल जाते हैं, बच्चों को समय नहीं दे पाते, अन्य रिश्ते नाते को नहीं नीबा पाते है| अपने परिवार और व्यापार सामजस्य नहीं बना पाते हैं इसलिए प्रत्येक चीज के महत्व का ध्यान रखना चाहिए जिससे संबंध व परिवार दोनों ही मजबूत रहते हैं और जीवन अच्छा बनता है|
4. Love or Connection (प्रेम या जुडे) :-
इस जगत मे प्रत्येक जीव को प्रेम चाहिए हर व्यक्ति चाहता है कि दूसरे लोग उस से प्रेम करें या उससे जुड़े रहे मतलब की उसे कोई जाने उसके बारे मे यह व्यक्ति की महान प्यास या मानवीय अपेक्षाएं होती है| जैसे एक छोटा बच्चा अपनी मां से प्रेम चाहता है एक लड़का या लड़की बड़े होकर लड़का लड़की से और लड़की लड़के से प्रेम चाहती है परिवार में बच्चा चाहता है कि उसके माता-पिता उसे प्रेम करें, भाई -बहन, पति- पत्नी आदि यह सभी चाहते हैं कि कोई ना कोई उनसे प्रेम करें क्योंकि यह उनकी गहरी चाहत या अपेक्षा होती है कि उन्हें कोई प्रेम करें तथा जब किसी भी क्षेत्र व परिवार और संबंध में प्रेम करना कम या बंद कर देते हैं तो उन क्षेत्र व परिवार के व्यक्तियों में दरार,कडवाहट व टूट जाते हैं इसीलिए प्रेम करने व उनसे जुड़े रहने की अपेक्षा का ध्यान रखें |
5. Growth ( विकास ) :-
इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति अपने विकास व उन्नति चाहता है| वह जिस क्षेत्र में है और कार्य कर रहा है उसमें अपना विकास चाहता है| यह उसकी मानवीय अपेक्षाएं या चाहत है वह चाहते हैं कि उसके विकास उन्नति में कोई या सामने वाला व्यक्ति उसका साथ दें इस प्रकार किसी भी प्रकार के क्षेत्र या परिवार में प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसके विकास में परिवार के सदस्य अन्य क्षेत्र में अन्य लोग उसका साथ दें व्यक्ति की इस अपेक्षा का ध्यान रखें इससे परिवार के सदस्य और अन्य लोग में सम्बन्ध मजबूत बनते हैं|
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Growth |
6. Contribution (योगदान) :-
इस जगत में प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि वह भी योगदान दे वह किसी की मदद करना चाहता है किसी को कोई चीज दान देना, किसी कार्य व बात में सहयोग देना चाहता है यह उसकी बेसिक मानवीय चाहते या अपेक्षाएं है क्योंकि इस चाहत से उसे समाज में, परिवार में, अन्य लोगों के सामने सम्मान और पुरस्कार, ट्रॉफी आदि मिले यह अपेक्षा करता हैं| इस अपेक्षा का ध्यान रखना चाहिए| यदि परिवार में कोई सदस्य या व्यक्ति सहयोग या दान देना चाहता है तो उसका सहयोग करना चाहिए|
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इन सभी मानवीय चाहत या अपेक्षाओं का ध्यान रखें इससे जीवन, संबंध, परिवार आदि सरल , मजबूत और अच्छे बनते हैं इन अपेक्षाओं को कभी भी अनदेखा ना करें क्योंकि परिवार और अन्य लोगों से संबंध व रिश्ते नातों में दरार और टूट जाते हैं इसलिए व्यक्ति चाहत या अपेक्षा का पूरा ध्यान रखें और उसी के अनुसार कार्य और बात तथा व्यवहार करना चाहिए इन अपेक्षाओं को ध्यान में लेकर चले गए हैं तो कहीं समस्या उत्पन्न नहीं होगी जो छोटी-छोटी बातों से हो जाती है /
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